रानी सती मंदिर राजस्थान के जयपुर से 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित झुंझुनू का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर रानी सतीजी को समर्पित है। मंदिर सफ़ेद संगमरमर से निर्मित है, जिसकी दीवारों पर शानदार रंगीन चित्रकारी की गई है। यह पर लोग भादों अमावस्या पर आयोजित होने वाले धार्मिक अनुष्ठान में भी भाग लेने के लिए आते हैं।
रानी सती मंदिर के परिसर में कई और मंदिर हैं, जो शिवजी, गणेशजी, माता सीता और रामजी के परम भक्त हनुमान को समर्पित हैं। मंदिर परिसर में षोडश माता का सुंदर मंदिर है, जिसमें 16 देवियों की मूर्तियां लगी हैं। परिसर में सुंदर लक्ष्मीनारायण मंदिर भी बना है।
राजस्थान के मारवाड़ी लोगों का दृढ़ विश्वास है कि रानी सतीजी, स्त्री शक्ति की प्रतीक और मां दुर्गा का अवतार थीं। उन्होंने अपने पति के हत्यारे को मार कर बदला लिया और फिर अपनी सती होने की इच्छा पूरी की। रानी सती मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। वैसे अब मंदिर का प्रबंधन सती प्रथा का विरोध करता है। मंदिर के गर्भ गृह के बाहर बड़े अक्षरों में लिखा है- हम सती प्रथा का विरोध करते हैं।
चौहान वंश का हिस्सा होने के लिए पहचाना जाने वाला राजस्थान का झुंझुनू शहर हमेशा से ही एक व्यापारिक और व्यवसायिक केंद्र रहा है। यह अपने धार्मिक स्थलों के लिए भी मशहूर है, जिसमें रानी सती मंदिर सबसे लोकप्रिय है। इस शहर में कई प्रतिष्ठित राजस्थानी हवेलियां भी हैं, जिन्हें बारीक नक़्क़ाशी और भित्तिचित्रों से सजाया गया है।
स्त्री शक्ति का प्रतीक
रानी सतीजी को समर्पित झुंझुनू का 400 साल पुराना यह मंदिर सम्मान, ममता और स्त्री शक्ति का प्रतीक है। देश भर से भक्त रानी सती मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। भक्त यहां विशेष प्रार्थना करने के साथ ही भादों अमावस्या पर आयोजित होने वाले धार्मिक अनुष्ठान में भी भाग लेते हैं। सफ़ेद संगमरमर से बने इस मंदिर में दीवारों पर रंगीन चित्रकारी और भित्तिचित्र हैं। यहां रानी सतीजी का एक चित्र है, जो बहुत सुंदर है और स्त्री के कौशल और उसकी ताकत का प्रतीक है। रानी सती मंदिर जिस परिसर में है, वहां पर और भी कई मंदिर हैं, जो भगवान शिव, भगवान गणेश, माता सीता और श्रीराम के परम भक्त हनुमान के हैं।
राजस्थान के मारवाड़ी लोगों का दृढ़ विश्वास है कि रानी सतीजी, स्त्री शक्ति की प्रतीक मां दुर्गा का अवतार थीं। उन्होंने अपने पति के हत्यारे को मारकर बदला लिया और फिर अपने सती होने की इच्छा पूरी की। हालांकि पूरे देश में 'सती प्रथा' से जुड़े होने के कारण सती मंदिरों का काफ़ी विरोध हुआ, लेकिन रानी सती मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है।
रानी सती मंदिर के परिसर में कई और मंदिर हैं, जो शिवजी, गणेशजी, माता सीता और रामजी के परम भक्त हनुमान को समर्पित हैं। मंदिर परिसर में षोडश माता का सुंदर मंदिर है, जिसमें 16 देवियों की मूर्तियां लगी हैं। परिसर में सुंदर लक्ष्मीनारायण मंदिर भी बना है।
राजस्थान के मारवाड़ी लोगों का दृढ़ विश्वास है कि रानी सतीजी, स्त्री शक्ति की प्रतीक और मां दुर्गा का अवतार थीं। उन्होंने अपने पति के हत्यारे को मार कर बदला लिया और फिर अपनी सती होने की इच्छा पूरी की। रानी सती मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। वैसे अब मंदिर का प्रबंधन सती प्रथा का विरोध करता है। मंदिर के गर्भ गृह के बाहर बड़े अक्षरों में लिखा है- हम सती प्रथा का विरोध करते हैं।
चौहान वंश का हिस्सा होने के लिए पहचाना जाने वाला राजस्थान का झुंझुनू शहर हमेशा से ही एक व्यापारिक और व्यवसायिक केंद्र रहा है। यह अपने धार्मिक स्थलों के लिए भी मशहूर है, जिसमें रानी सती मंदिर सबसे लोकप्रिय है। इस शहर में कई प्रतिष्ठित राजस्थानी हवेलियां भी हैं, जिन्हें बारीक नक़्क़ाशी और भित्तिचित्रों से सजाया गया है।
स्त्री शक्ति का प्रतीक
रानी सतीजी को समर्पित झुंझुनू का 400 साल पुराना यह मंदिर सम्मान, ममता और स्त्री शक्ति का प्रतीक है। देश भर से भक्त रानी सती मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। भक्त यहां विशेष प्रार्थना करने के साथ ही भादों अमावस्या पर आयोजित होने वाले धार्मिक अनुष्ठान में भी भाग लेते हैं। सफ़ेद संगमरमर से बने इस मंदिर में दीवारों पर रंगीन चित्रकारी और भित्तिचित्र हैं। यहां रानी सतीजी का एक चित्र है, जो बहुत सुंदर है और स्त्री के कौशल और उसकी ताकत का प्रतीक है। रानी सती मंदिर जिस परिसर में है, वहां पर और भी कई मंदिर हैं, जो भगवान शिव, भगवान गणेश, माता सीता और श्रीराम के परम भक्त हनुमान के हैं।
राजस्थान के मारवाड़ी लोगों का दृढ़ विश्वास है कि रानी सतीजी, स्त्री शक्ति की प्रतीक मां दुर्गा का अवतार थीं। उन्होंने अपने पति के हत्यारे को मारकर बदला लिया और फिर अपने सती होने की इच्छा पूरी की। हालांकि पूरे देश में 'सती प्रथा' से जुड़े होने के कारण सती मंदिरों का काफ़ी विरोध हुआ, लेकिन रानी सती मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है।