चाँद बावड़ी एक सीढ़ीदार कुआँ है, जो राजस्थान में जयपुर के निकट दौसा ज़िले के आभानेरी नामक ग्राम में स्थित है। यह सीढ़ीदार कुआँ 'हर्षत माता मंदिर' के सामने स्थित है और भारत ही नहीं, अपितु विश्व के सबसे बड़े सीढ़ीदार और गहरे कुओं में से एक है।
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निर्माण

इस बावड़ी का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था। इसमें 3,500 संकरी सीढ़ियाँ हैं और ये 13 तल ऊँचा और 100 फुट या 30 मीटर गहरा है। ये अविश्वसनीय कुआँ उस समय जल की कमी से जूझ रहे इस क्षेत्र की जल समस्या का एक व्यावहारिक समाधान था। इस स्थान की शुष्क जलवायु ने स्थानीय लोगों को एक ऐसे कुएं की खुदाई के लिए विवश किया, जिस पर वर्ष भर जल के लिए निर्भर रहा जा सके। दंतकथाओं के अनुसार यह कुआँ एक रात में भूतों द्वारा खोदा गया और इसमें इतनी सीढ़ियाँ हैं की यदि एक सिक्का नीचे गिर जाये तो उसे खोज पाना संभव नहीं है।[1]

विशेषताएँ

यह बावड़ी चारों तरफ़ से 35 मीटर चौड़ी है।
ऊपर से नीचे तक पक्की बनी सीढ़ियों के कारण पानी का स्तर चाहे जो भी हो हमेशा आसानी से पानी भरा जा सकता है।
चाँद बावड़ी, 100 फ़ीट गहरी, 13 मंजिला और 3500 सीढ़ियों युक्त है।
यह बावड़ी प्रसिद्ध 'हर्षत माता मन्दिर' के सामने स्थित है।
यह विश्व की सबसे गहरी और बड़ी बावड़ी है।