श्मशान का नाम आते ही जेहन में अनौखा खौफ दौड़ जाता है। लेकिन राजस्थान के भीलवाड़ा में देश का ऐसा अनोखा श्मशान पंचमुखी मोक्ष धाम जहां पर्यटक और शहरवासी रोजाना घूमने आते हैं। एक बार यहां जो आ गया वह बार—बार यहां आना चाहता है।
इस मोक्षधाम को दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित किया गया है। इसके नजारे किसी पिकनिक स्पॉट या पर्यटन स्थल से नजर आते हैं। देशभर के लिए मिसाल बन चुके इस श्मशान घाट में गमजदा लोग पलभर में गम भूल जातेे हैं। इस श्मशान में 5000 से ज्यादा किताबों का समृद्ध वाचनालय है तो एक सुसज्जित अत्याधुनिक उपकरणों से युक्त जिम है।
पंचमुखी मोक्षधाम का दृश्य

यह नजारा जो आप देख रहे है । जहां स्थानीय निवासी घूमने के लिए आते है क्योकि यह शमशान अब पार्क के रूप में नजर आने लगा है । लोगो का कहना है कि श्मशान के नाम से डर लगता था वहां अब इस नये रूप में उनका डर निकल गया । यंही नही जो भी इस श्मशान के बारे मे सुनता है जो इसे देखने जरूर आता है और ये श्मशान अब धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप मे अपनी पहचान रखता है।
पंचमुखी मोक्ष धाम करीब 15 बीघा भूमि में बना हुआ है। इस पूरे मोक्षधाम की देखरेख पंचमुखी मुक्तिधाम विकास ट्रस्ट द्वारा की जाती है। सपनों के इस मोक्षधाम को संवारने में पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू का अहम योगदान रहा है। जिन्होंने इसके लिए काफी मेहनत की।
यहां बने स्नानघर की स्वच्छता देख आप चौक जाएंगे। यहां बने स्नानघर किसी होटल के स्नानघर को भी मात देते हैं। मोक्षधाम में आठ बरामदे, एक प्रतीक्षालय बना हुआ है। लकड़ी से दाह संस्कार की व्यवस्था के अलावा यहां 70 लाख रुपए से बना एलपीजी चलित शवदाह गृह भी है, जिसमें फिलहाल कोई शुल्क नहीं लिया जाता।
पंचमुखी मोक्षधाम का दृश्य

जाजू बताते हैं कि करीब 20 साल पहले वे गुजरात के जामनगर गए थे तो उनके परिचित के कहने पर वे वहां का श्मशान घाट देखने चले गए। वहां का वातावरण देखा तो उन्होंने भी भीलवाड़ा में एक ऐसा श्मशान घाट विकसित करने का दृढ निश्चय कर लिया और अपने सपनों को साकार करने लगे।
इस मोक्षधाम को दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित किया गया है। इसके नजारे किसी पिकनिक स्पॉट या पर्यटन स्थल से नजर आते हैं। देशभर के लिए मिसाल बन चुके इस श्मशान घाट में गमजदा लोग पलभर में गम भूल जातेे हैं। इस श्मशान में 5000 से ज्यादा किताबों का समृद्ध वाचनालय है तो एक सुसज्जित अत्याधुनिक उपकरणों से युक्त जिम है।
पंचमुखी मोक्षधाम का दृश्य

यह नजारा जो आप देख रहे है । जहां स्थानीय निवासी घूमने के लिए आते है क्योकि यह शमशान अब पार्क के रूप में नजर आने लगा है । लोगो का कहना है कि श्मशान के नाम से डर लगता था वहां अब इस नये रूप में उनका डर निकल गया । यंही नही जो भी इस श्मशान के बारे मे सुनता है जो इसे देखने जरूर आता है और ये श्मशान अब धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप मे अपनी पहचान रखता है।
पंचमुखी मोक्ष धाम करीब 15 बीघा भूमि में बना हुआ है। इस पूरे मोक्षधाम की देखरेख पंचमुखी मुक्तिधाम विकास ट्रस्ट द्वारा की जाती है। सपनों के इस मोक्षधाम को संवारने में पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू का अहम योगदान रहा है। जिन्होंने इसके लिए काफी मेहनत की।
यहां बने स्नानघर की स्वच्छता देख आप चौक जाएंगे। यहां बने स्नानघर किसी होटल के स्नानघर को भी मात देते हैं। मोक्षधाम में आठ बरामदे, एक प्रतीक्षालय बना हुआ है। लकड़ी से दाह संस्कार की व्यवस्था के अलावा यहां 70 लाख रुपए से बना एलपीजी चलित शवदाह गृह भी है, जिसमें फिलहाल कोई शुल्क नहीं लिया जाता।
पंचमुखी मोक्षधाम का दृश्य

जाजू बताते हैं कि करीब 20 साल पहले वे गुजरात के जामनगर गए थे तो उनके परिचित के कहने पर वे वहां का श्मशान घाट देखने चले गए। वहां का वातावरण देखा तो उन्होंने भी भीलवाड़ा में एक ऐसा श्मशान घाट विकसित करने का दृढ निश्चय कर लिया और अपने सपनों को साकार करने लगे।