एक गुजराती ने मारवाड़ी को अपना कुआँ बेचा।

लिखा पढ़ी और पैसे के लेन देन के बाद अगले दिन गुजराती ने मारवाड़ी से मिला और बोला :

“मैंने तुमको सिर्फ कुआँ बेचा है, उसका पानी नहीं। अगर पानी भी चाहिए तो, पानी की कीमत अलग से देनी होगी।”

इस पर मारवाड़ी बोला :

“अरे, मैं खुद तुमसे ही मिलने आ रहा था, ये बोलने के लिए कि, कुएँ में जो तुम्हारा पानी है उसे, दो दिन में निकालकर ले जाओ, नहीं तो मेरे कुएँ में पानी रखने का तुम्हें, किराया देना पड़ेगा।”