वो हवामहल की हवा,
वो जोधपुर की समा,
वो माऊण्ट आबु की सर्दी,
वो जैसलमेर की गर्मी,
वो कोटा का काँलेज
जहाँ है सिर्फ नाँलेज,
वो उदयपुर के नजारे
जहाँ मिलते हैँ महल सारे,
वो सोजत की मेहन्दी,
वो जयपुर की रजाई,
वो नाथद्वारा का मँदिर,
वो आखा तीज का सावा,
वो डुँगरगढ का मावा,
घुँघट मे शरमाती छोरी और
बीकानेर की कचोरी,
वो मस्ती की बाते
ऐसी है मेरे राजस्थान की यादे...